दुनिया एक अजूबा है,
जो तैरा वही डूबा है,
किनारे बैठे देखें तमाशा,
मदद करे न कोई जरा सा,
काम बिगड़ते सब बने ज्ञानी,
बिगड़ा काम मेरी बात न मानी,
खुद को भले कुछ न आए,
गलती दूजे की मन भाए,
टांग खींचते सब दूजे की,
मुझसे आगे निकल न जाए|
"बेचैन"
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