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Love Poetry1 min read

बस चले जाना है

BeardbeastBeardbeast June 16, 2020
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कितनी भी मुश्किल ही राह

फिर भी चले जाना है

रोते गिरते पड़ते ही सही

मंज़िल को मुझे पाना है


इन रास्तों की एक बात निराली है

अंजाम इनका कभी दिखता ही नहीं

दिशाएं मंज़िल और रास्ते सबके अलग है यहां

कोई किसी का हमराही नहीं


इंतज़ार

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