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मुद्दतों बाद मुझको ये सबक दिया जिंदगानी ने
सफर होते नहीं तो लोग न होते कहानी में
अगर लिक्खी तुम्हारी ख्वाहिशों को दर-बदर ठोकर
तभी ये प्यार होता है सभी को भर जवानी में
~बालेन्द्र शर्मा 'अनंत'
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