Share0 Bookmarks 48440 Reads0 Likes
कभी तुम खिलखिलाती फूलों सी न्यारी हो
कभी तुम स्वयं ही मां दुर्गा की अवतारी हो ,
कमजोरी नहीं, इसे अपनी ताकत बनाना
भाग्य नही, सौभाग्य है यह कि तुम एक नारी हो ।
तुम्हारी ही खुशबू है रसोई से लेकर आंगन तक
होती तुम्हीं से शुरू यह सफर पाप से पावन तक ,
बहन से बहू तक हो तुम, बेटी से मां तक हो तुम
सच पूछो तो फैली जमीं से आसमां तक हो तुम ,
हर घर की नींव टिकी है तुम्हारे ही अडिग विश्वास पर
तुम्हारे ही तेज़ से है रोशन सितारे भी अडिग विश्वास पर ,
तुम अग्नि की सहेली, तुम नीर की दुलारी हो
तुम बरखा की उम्
कभी तुम स्वयं ही मां दुर्गा की अवतारी हो ,
कमजोरी नहीं, इसे अपनी ताकत बनाना
भाग्य नही, सौभाग्य है यह कि तुम एक नारी हो ।
तुम्हारी ही खुशबू है रसोई से लेकर आंगन तक
होती तुम्हीं से शुरू यह सफर पाप से पावन तक ,
बहन से बहू तक हो तुम, बेटी से मां तक हो तुम
सच पूछो तो फैली जमीं से आसमां तक हो तुम ,
हर घर की नींव टिकी है तुम्हारे ही अडिग विश्वास पर
तुम्हारे ही तेज़ से है रोशन सितारे भी अडिग विश्वास पर ,
तुम अग्नि की सहेली, तुम नीर की दुलारी हो
तुम बरखा की उम्
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments