हजारों शर्तें उसकी...कुछ तुम्हारी मजबूरियां भी होंगी's image
Romantic PoetryPoetry1 min read

हजारों शर्तें उसकी...कुछ तुम्हारी मजबूरियां भी होंगी

AYUSH SURYAVANSHIAYUSH SURYAVANSHI September 27, 2021
Share0 Bookmarks 127 Reads1 Likes

हजारों शर्तें उसकी

कुछ तुम्हारी मजबूरियां भी होंगी

चूमकर माथा, जिसे लगाया सीने से

उस रिश्ते में एक दिन दूरियां भी होंगी



बिस्तर पर महक न होगी उसकी

न स्याह जुल्फों का आंचल होगा

तन्हा-सर्द रातों में उस सुकूं को ढूंढ़ता

 नशे में तेरा दिल भी पागल होगा


जिसकी हर गलती पर माथा चूमा था तुमने

उस रिश्ते का तु ही गुनहगार भी होगा

आवारा घुमता सड़कों पर, तु खुद कहेगा

ऐ खुदा अब कभी प्यार न होगा


तेरी नादानी देख ऊपरवाला फिर मुस्कराएगा

कुछ दिन में तेरा दिल भी कहीं लग जाएगा

पर न वो रिश्ता होगा, न वो निभाने वाला

मलाल तुझको होगा और खुदा भी पछताएगा


हजारों शर्तें उसकी होंगी

कुछ तुम्हारी मजबूरियां भी होंगी

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts