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Romantic PoetryPoetry1 min read

हजारों शर्तें उसकी...कुछ तुम्हारी मजबूरियां भी होंगी

AYUSH SURYAVANSHIAYUSH SURYAVANSHI September 27, 2021
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हजारों शर्तें उसकी

कुछ तुम्हारी मजबूरियां भी होंगी

चूमकर माथा, जिसे लगाया सीने से

उस रिश्ते में एक दिन दूरियां भी होंगी



बिस्तर पर महक न होगी उसकी

न स्याह जुल्फों का आंचल होगा

तन्हा-सर्द रातों में उस सुकूं को ढूंढ़ता

 नशे में तेरा दिल भी पागल होगा


जिसकी हर गलती पर माथा चूमा था तुमने

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