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अब मेरे हालात देख कर तमाशाई इतरा रहे हैं

Ayush KumarAyush Kumar March 26, 2023
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उसकी मौजूदगी जब दिल में थी तो बहुत इतराते थे हम
अब मेरे हालात देख कर तमाशाई इतरा रहे हैं 

अटके हुए हैं हम भी किसी के इंतजार में
और वो हैं जो झूठे वादे और कसमें खा रहे हैं

क्यों हर बार वो बिछड़ने की बात हमसे करते हैं
इतने बुरे हैं हम या बुरा कुछ वो काम कर रहे हैं

 रब का शुक्रिया हैं की वो वक्त पर पहचाने गये
अब उसके रुख से हर नकाब बेनकाब हो रहे हैं

चल चले "आयुष" किसी और शहर में बसने
इस शहर में उनके दिये जख्म और गहरे हो रहे हैं

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