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थोड़ा सा आओ मतलबी हो जाएँ
गमों को कर किनारे खुशियाँ चुन लाएँ।
ज़िंदगी से आओ सौदेबाज़ी करें यूँ
खोकर भी हम पा जाएँ कुछ हर बार
दिल को भला ऐसे समझाएँ ना क्यूँ
खोजें कोई ऐसी तरकीब, ऐसा कोई क़ायदा
हर सौदे में जिससे हमारा हो थोड़ा फ़ायदा
मायूसी से चलो अज़नबी हो जाएँ
थोड़ा सा आओ मतलबी हो जाएँ।
जीत से अपनी ले लें थोड़ी खुशियाँ मनाने को
हार से लें तज़ुर्बा अगली बार जीत जाने को
न रुकें समझ खुद को कोई नाक़ाम क़िस्सा
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