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परियों की तरह से खुशियाँ लुटाने,
फीके से जीवन को रंगीन बनाने,
चली आई तुम बन सुरीले तराने,
मिले हमको हंसने गाने के बहाने,
मुस्कराहट से अपनी महकाया संसार,
हमारी तुम लाडली लेके आई बहार।
बारिश की बूंदों की प्यासी धरा पर,
पड़ी तुम बरस मुरझे पलों को करने तर।
सोने से पहले तेरा चेहरा देखें अब,
सुबह उठते ही तुझमें दिखता हमें रब।
जीवन की नैया की तुम खेवनहार,
ओ लाडो हमारी लेके आई बहार।<
फीके से जीवन को रंगीन बनाने,
चली आई तुम बन सुरीले तराने,
मिले हमको हंसने गाने के बहाने,
मुस्कराहट से अपनी महकाया संसार,
हमारी तुम लाडली लेके आई बहार।
बारिश की बूंदों की प्यासी धरा पर,
पड़ी तुम बरस मुरझे पलों को करने तर।
सोने से पहले तेरा चेहरा देखें अब,
सुबह उठते ही तुझमें दिखता हमें रब।
जीवन की नैया की तुम खेवनहार,
ओ लाडो हमारी लेके आई बहार।<
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