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मुहब्बत में इक ऐसा दौर आता है,
जब आँखों के सिवा कुछ याद नहीं रहता,
करने को होतीं हैं जाने कितनी ही बातें,
मग़र होंठों से वो कुछ नहीं कहता।
#क़लम✍
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