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मै सोचता हूँ ,की वो किसी मोड़ पर दिख जाये|
मुझको देखे ,और थोड़ा सा मुस्कुराए||
वो साड़ी में कैसी लगती होगी, वो घडी की जगह चूड़ियाँ कैसे सजती होगी|
क्या वो मुझसे मिलेगी ,और गले लग जाएगी,
या मुझको देखते ही वहाँ से चली जाएगी ||
पर कही वो मुझे भूल ना जाये |
मै सोचता हूँ की वो किसी मोड़ पर दिख जाये||
वो दो चोटी वाले बाल, आज खुले होगें ना |
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