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नर जब नर से निशाचर बन जायेगा
तब रब भी अपना कहर दिखायेगा
प्रकृती प्रदत्य भोज्य छोड़ छोड़ के
ब्रम्ह बतलाये भोज्य जब न खायेगा
कुत्ता, बिल्ली, बिच्छू से लेकर के
गधा, घोडा औ मगरमच्छ खायेगा
नर जब नर से निशाचर बन जायेगा
तब रब भी अपना कहर दिखायेगा
प्रकाश भी होगा प्रमान भी होगा
पर नभ अंधकार सा छा जायेगा
दृष्टि भी होंगी दिशा भी होंगी
पर पथ कहीं भी नजर न आयेगा
नर जब नर से निशाचर बन जायेगा
तब रब भी अपना कहर दिखायेगा
चाँद भी चाँदनी भी होगी
अम्बर तारे भी दिख जायेगे
निशा भरेगी आँखों मे जब
जग मंजर तब दिख जायेगे
नर जब नर से निशाचर बन जायेगा
तब रब भी अपना कहर दिखायेगा
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