कैसे लिखूँ कागद के खत's image
Poetry1 min read

कैसे लिखूँ कागद के खत

ashish.kumarmomashish.kumarmom April 14, 2023
Share0 Bookmarks 194 Reads1 Likes
कलम दवात छुये तो अब ज़माने गुजर गये
टूटे  दिल  की  य़ादों सब फसाने गुजर गय
कैसे लिखूँ कागद के अब खत अपने  प्रिय को 
घिसते -2 आँगूठा कितने  टफन बदल गये

सोचता  हूँ  ह्रदय के  जजबात ऊजागर न हो 
 है डिजिटल, गोपनियता के ज़माने बदल गये
एक  दुजे  के  प्यार  मे  उपजित  आश्लेष जो 
दिल से दिल के रहास्यो के अफसाने बदल गये

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts