अंतर्मन के दीप's image
Share3 Bookmarks 126 Reads4 Likes

हर दिवाली मे दीपो पे दीप जलाये है हमने,

किंतु अंतर्मन के दीप कभी न जलाये है हमने..I 

खुद मोह माया की अंधियां चला चला के ही, 

अंतर्मन के जलते हुये दीप भी बुझाये है हमने..II


अंधेरे के लिए घृ्णित चालो को चला है हमने,

क्योकि उजाले मे भी रोशनी को छला है हमने..II

रखते चाँह अमावस से अमावस मे पूर्णिमा हो,

कहते है अंधेरा मिटाने की राह पे चला है हमने..II

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts