हाँ मैं लड़की हूँ!'s image
Poetry3 min read

हाँ मैं लड़की हूँ!

Shanky❤SaltyShanky❤Salty February 9, 2023
Share0 Bookmarks 48567 Reads1 Likes
हाँ मैं लड़की हूँ!

मेरे चरित्र पर उँगली उठाए जाते हैं
आँखों से मेरे कपड़े भी उतारे जाते हैं
मैं जंगल में जितना जानवरों से नहीं डरती
उतना तो रोड़ पर घुमते मानव रूपी दरिन्दों से हूँ डरती


मेरे सीने को देख
कभी किसी ने आम कहा,
तो किसी ने संतरा कहा,
किसी ने उसे छुना चाहा,
तो किसी ने उसे नोचना चाहा,
सड़ जाते मेरे ये दो फल
तो अच्छा होता
हर किसी को चाहिए होता है यह फल


सोशल मीडिया में अपने मेसेजस चेक करो
तो जितने भी अंजान मेसेज हैं
उन सब को उतसुकता है
मेरे जिस्म का नाप जानने की
कितने बड़े है मेरे फल?
उम्र क्या है मेरी?
साथ चलोगी तुम मेरे?
मेरे साथ सोउगी?
मैं तुम्हें खुश कर दूंगा
कितना लोगी?
कितने यार है तेरे?
हर पल चिंतित रहती हूँ मैं


हाँ मैं लड़की हूँ!


किसे अपनी व्यथा सुनाऊँ?
अपने दोस्तों से कहती हूँ
तो उन्हें मुझसे ज्यादा
इस तरह के मेसेजस और कमेंटस आतें हैं


चौदह साल का लड़का भी पीछे पड़ा है
साठ साल का बुढ़ा भी साथ सोने के लिए मर रहा है
साथ काम करने वाला बंदा भी मौके के
Send Gift

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts