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अरे बाबू एक फ़रियाद ,हमारी बचपन की याद
बचपनी हौस के दिन , हुड़दंग एक छोटी जंग
वो गाँवो की यादें , छिपे जहाँ पुराने इरादे
एक छोटी सी दिव्य याद, बाबू एक फ़रियाद
वो बचपन का उत्पाती ,दुनिया समझ उसे पाती!
ऊर्जस्वी जिसका चरित्र ,टोली में रहता हमेशा चर्चित
कौतकी का हास्य ,दादा का परायण निवास
बाबू एक फरियाद ,हमारी बचपन की याद
कोलाहल की टोली ,चोरी से बरातो में जाना
यारों से जताना ,फिर एकदूसरे का हास्य बनाना
भोर होत खेत ,खलियानों में पहुँच जाना
बाबू एक फरियाद ,हमारी बचपन की याद
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