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बहारों में हजारों थे,
थामे हुए मेरा हाथ,
सिर्फ तुम मगर खिजा में थे,
जिसने छोड़ा नहीं साथ ...
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थामे हुए मेरा हाथ,
सिर्फ तुम मगर खिजा में थे,
जिसने छोड़ा नहीं साथ ...
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