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ना कसूर है रहगुजर का किसी,
ना राह दां ही गुनेहगार है,
दिल ही मेरा राह किसी और निकल पड़ा है,
गुमराह हो गया है राहे आखिर पे शायद निकल पड़ा है ...
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ना कसूर है रहगुजर का किसी,
ना राह दां ही गुनेहगार है,
दिल ही मेरा राह किसी और निकल पड़ा है,
गुमराह हो गया है राहे आखिर पे शायद निकल पड़ा है ...
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