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हर चाल पे उसकी मात खाते रहे,
हरा सकते थे उसको इक ही बाजी में,
मगर मजबूर दिल के हाथों में थे इतने,
कि बस हर दफा उसको जिताते रहे ...
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हर चाल पे उसकी मात खाते रहे,
हरा सकते थे उसको इक ही बाजी में,
मगर मजबूर दिल के हाथों में थे इतने,
कि बस हर दफा उसको जिताते रहे ...
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