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प्रश्न मेरा लाज़मी है देश की सरकार से - अनुराग अंकुर की इंकलाबी कविता
November 28, 2022Share1 Bookmarks 48720 Reads1 Likes
शांति का संदेश देने के लिए आया नहीं
झूठ का जयघोष करने के लिए आया नहीं
क्यों घुट रहा है लोकतंत्र इस जहाँ में चीखकर
मैं यहाँ उपदेश देने के लिए आया नहीं
कितने कट और मर रहे हैं रेल और रोजगार से
प्रश्न मेरा लाज़मी है देश की सरकार से।
क्यों यहाँ इंसान डरता है किसी इंसान से
अब कोई उस्मान डरता क्यों किसी हनुमान से
गंगा और जमुना की धारा वाली इस तहज़ीब में
क्यों कोई भी राम डरता है किसी रहमान से
मज़हबी उन्माद वाले चोर ठेकेदार से
प्रश्न मेरा लाज़मी है देश की सरकार से।
हर तरफ फैला हुआ बस झूठ का व्यापार
झूठ का जयघोष करने के लिए आया नहीं
क्यों घुट रहा है लोकतंत्र इस जहाँ में चीखकर
मैं यहाँ उपदेश देने के लिए आया नहीं
कितने कट और मर रहे हैं रेल और रोजगार से
प्रश्न मेरा लाज़मी है देश की सरकार से।
क्यों यहाँ इंसान डरता है किसी इंसान से
अब कोई उस्मान डरता क्यों किसी हनुमान से
गंगा और जमुना की धारा वाली इस तहज़ीब में
क्यों कोई भी राम डरता है किसी रहमान से
मज़हबी उन्माद वाले चोर ठेकेदार से
प्रश्न मेरा लाज़मी है देश की सरकार से।
हर तरफ फैला हुआ बस झूठ का व्यापार
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