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जो बीत गई सो बात गई
फिर उस बात पे क्या रोना
काम धाम कुछ करते हैं
यूं पलंग बिछाए क्या सोना।
जो बीत गई......क्या रोना।।
कुछ नई कहानी सुनते हैं,
कुछ नई कलाएं बुनते हैं
बासी बासी सी बातों पे
बातें नए कल की क्यों खोना।
जो बीत गई सो ...............क्या रोना।
@kalyugi_writer
फिर उस बात पे क्या रोना
काम धाम कुछ करते हैं
यूं पलंग बिछाए क्या सोना।
जो बीत गई......क्या रोना।।
कुछ नई कहानी सुनते हैं,
कुछ नई कलाएं बुनते हैं
बासी बासी सी बातों पे
बातें नए कल की क्यों खोना।
जो बीत गई सो ...............क्या रोना।
पास हुए या फेल हो गए
यूं चलते फिरते खेल हो गए
कुछ वो कहते,कुछ वो भी कहेंगे
यूं कहा कहाया क्या ढोना।
जो बीत गई सो ...........क्या रोना।।
जो लोग कहेंगे सुन लेना
मन में ही सपने बुन लेना
अपने प्रियजन के साथ रहो
पर अपने सपनों को मत खोना।
जो बीत गई सो बात गई फिर उस बात पे क्या रोना।।।
@kalyugi_writer
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