
सूर्य, हमारे सौर मंडल का तारा,
जो है मुखिया भी सौर परिवार का,
पृथ्वी, एक मात्र ग्रह, जीवन है जहां पनपता,
इस जीवन का एक मात्र आधार ये सूर्य हमारा,
सभी ग्रहों की गति का आधार सूर्य का गुरुत्व,
है किसी ग्रह की मजाल, जो टक्कर ले सके मुखिया से,
गुरु, शनि दो सबसे बड़े दबंग, पर सूर्य के सामने बौने ,
बुध जो है छोटा सा, पर झेलता सबसे ज्यादा ताप,
इन सभी को बांधे अपने गुरुत्व की डोर से,
घूमता इतराता, अल्हड़ ये राजा हमारा,
कभी छोड़ता है चुंबकीय विकिरण भी,
जो ला सकते हैं तबाही किसी भी सतह पर,
कौन ले सकता है पंगा, ऐसे विकराल मुखिया से,
पर फिर है कुछ, जो ले जायेगा इसे इसके अंत की ओर,
है ये वही ताक़त, जिससे बंधा है विश्व सारा,
हो जायेगा विलीन एक दिन सूर्य भी इसमें,
खुद के गुरुत्व में धंसेगा वो इक दिन,
होगा धमाका खुद के बल से ही, और,
अनगिनत टुकड़ों में बिखर जायेगा सूर्य हमारा....
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments