
Share0 Bookmarks 66 Reads1 Likes
बारिश में आग का फ़रमान कैसा है
इश्क़ के रास्ते में ये तूफान कैसा है
सालों से बैठे थे दीदार की उम्मीद में
मिलते हीं कहती हो इंतजार कैसा है
मेरे हाथों से निकल कर जा रही हो
और मुझसे हीं पूछती हो हाल कैसा है
जिस घर में रोज बिताते थे समय बेहिसाब
अब गुजरते हीं पूछती हो ये मकान कैसा है
मुझको बार बार तुम हीं पास बुला रही हो
और जमाने को कहती हो ये इंसान कैसा है
इश्क़ के रास्ते में ये तूफान कैसा है
सालों से बैठे थे दीदार की उम्मीद में
मिलते हीं कहती हो इंतजार कैसा है
मेरे हाथों से निकल कर जा रही हो
और मुझसे हीं पूछती हो हाल कैसा है
जिस घर में रोज बिताते थे समय बेहिसाब
अब गुजरते हीं पूछती हो ये मकान कैसा है
मुझको बार बार तुम हीं पास बुला रही हो
और जमाने को कहती हो ये इंसान कैसा है
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments