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अगर जाना हो कभी तो चले जाना
सिर्फ एक गुजारिश है,
जिसे पुरा करते जाना।
उन यादों को भी साथ ले जाना,
जो तुम्हारे न होने पर भी
तुम्हारा चेहरा मेरे सामने ले आयेगा।
उन वादों को भी साथ ले जाना,
जिससे जुड़ा हर शब्द
तुम्हारे साथ लिए कस्मों की याद दिलायेगा।
उन लम्हों को भी साथ ले जाना,
जिससे जुड़ा हर एक पल
हमारे एक होने का एहसास करायेगा ।
और अगर ऐसा न कर पाओगे
तो बेसक तुम चले जाओगे,
फिर हर बार तुम्हारी यादें,
मेरी यादों से टकरायेंगी।
और न तुम मुझे भुल पाओगे,
न मै तुम्हे भुल पाऊंगी।
-अंजली मिश्रा
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