
Poetry1 min read
April 10, 2022
तुझको मैं अपनी औलाद मानूंगा मेरे दोस्त मैं तेरी हर बात मानूंगा जब तक आंख से आंसू नहीं निकलते तब तक कैसे तेरी याद को याद मानूंगा

Share0 Bookmarks 0 Reads1 Likes
तुझ को मैं अपनी औलाद मानूंगा
मेरे दोस्त मैं तेरी हर बात मानूंगा
जब तक आंख से आंसू नहीं निकलते
तब तक कैसे तेरी याद को याद मानूंगा
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments