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पेशन्स (patience) बहुत है मुझमें ऐ किस्मत मेरी
तेरे हर वार के बाद मरहम लगा लेता हूं
सो रही है तु चमकना छोड़कर
पर मैं भी रोज तेरे चमकने की उम्मीद जगा लेता हूं।
तु कन्फ्यूज (confuse) बहुत करती है मुझको
कभी दूर होकर, कभी साथ दे कर<
तेरे हर वार के बाद मरहम लगा लेता हूं
सो रही है तु चमकना छोड़कर
पर मैं भी रोज तेरे चमकने की उम्मीद जगा लेता हूं।
तु कन्फ्यूज (confuse) बहुत करती है मुझको
कभी दूर होकर, कभी साथ दे कर<
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