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मेरे हिस्से का छोटा सा बादल
भर रहा है, पानी की बूँदो से
या ईप्सा के छीँटो से
अभी हवा का रुख भी इस तरफ नहीं है,
जब चलेगी हवा की लहर, मेरी
और भर चुका होगा बादल, लबालब
जल से या उन्नति के परिमाणों से
तब, एक न एक दिन बरसेगा जरूर
मेरे हिस्से का बादल, बरसेगा जरूर
- अमित 'तन्हा'
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