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हर याद जिसमें तुम हो ...
एक मुलाकात सी लगती है..
अब तो हवा भी गुज़रती है जब नजदीक से...
कानों में तुम्हारी बात सी लगती है...
हम छुए नहीं हैं अब तक लबों से जिसे
उनका बाहों में गिरना और गिर कर पिघलना बाक़ी है
यूं जो सिमट गए हैं जिस्म पर चादर की तरह
ज
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