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चिंगारी लगी थी ; तुझमें लगाई थोड़ी है ,
त'अल्लुक़ तोड़ी हो यादों की रिहाई थोड़ी है ,
जी नहीं भरता दीदार - ए - हुस्न से तेरे ,
इश्क़ है बेवफ़ाई थोड़ी है ।
तुझमें तेरी मुस्कुराहटों में इलाज़ ढूंढता रहा ,
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