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मय मयस्सर हो तुम्हारी आँखों में अगर ,
ज़रा पीं लूं तो चलूं ,
ज़िंदगी सी हो तुम ऐ हसीं तुम्हें ,
ज़रा जी लूँ तो चलूं ,
हो गुस्ताख़ी माफ तो राज़-ए-दिल ,
ज़रा खोलूं तो चलूं ,
हो इ
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मय मयस्सर हो तुम्हारी आँखों में अगर ,
ज़रा पीं लूं तो चलूं ,
ज़िंदगी सी हो तुम ऐ हसीं तुम्हें ,
ज़रा जी लूँ तो चलूं ,
हो गुस्ताख़ी माफ तो राज़-ए-दिल ,
ज़रा खोलूं तो चलूं ,
हो इ
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