शुरू करो अभियान's image
Poetry1 min read

शुरू करो अभियान

Amar DixitAmar Dixit December 27, 2022
Share0 Bookmarks 48507 Reads0 Likes
सुनो जन का अश्रव्य दारूण गान।

जहाँ पहुंचे न ज्योति रवि की, वहाँ करो प्रस्थान।।

जो वांछित, असहाय , अकिंचन, नीरस जिनका संसार।

जो निष्कासित मुख्य पटल से, उनमें भर दो प्राण।। 

जहाँ पड़ी न विभा प्रगति की, तमस छत्रछाया अनंत में।

अरुण, सुधाकर जिनको प्रतिदिन, लागे एक समान।।

जहाँ

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts