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तुम ना आया करो ख्वाब में हमें रुलाने के लिए
टूट चुके उन नातों को फिर से तोड़ जाने के लिए
तुम जा चुके हो मान लो, इस सत्य को तुम जान लो
उस जहां से ना आया करो हमें सताने के लिए
तुम्हें गए हुए अब दो वर्ष बीत चुके है
बिन तुम्हारे जीना अब हम सीख चुके है
तुम लौटा ना करो सपनों में हमें जगाने के लिए
रात भर जाग कर बस तुम्हें भुलाने ले लिए
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