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तुम मुझसे पहले जैसा प्यार नहीं करते
करते भी हो तो इजहार नहीं करते
कहो, क्यों पहले जैसा प्यार नहीं करते?
और करते हो तो क्यों इजहार नहीं करते?
क्यूँ जुबा पर बातें तेरी आते-आते रुक जाती है?
पहले जैसी लबों से तेरी क्यूँ फिसल ना जाती है?
पहले जैसी क्यूँ अब तेरी साँसे तेज़ नहीं चलती?
मेरी जैसी तेरी आहें अब क्यों बात नहीं करती?
क्यूँ अब तुम पहले जैसा कोई शिकवा नहीं करते?
क्यूँ छोटी-छोटी बातों पर तुम मेरे साथ नहीं लड़ते?
क्यूँ अब तेरा हँसना रोना बिन मेरे हो जाता है?
क्यूँ अब तकिया लगाकर तू बिन मेरे सो जाता है?
क्यूँ अब तेरी नज़
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