
पाया था तुझको खुदको भुला कर
तुझको हँसाया था खुदको रुला कर
ये आंसू थे मेरे या मेरी कहानी
जो तेरी समझ मे थे बेकार पानी
कहाँ से चला हूँ, है कहाँ मुझको जाना
दिया प्यार के तेरे, दिल मे है जलाना
तु भुला है मुझको, ये है फितरत तेरी
है तुझे फिर से अपना दीवाना बनाना
मिटाया है तूने वफा अपने दिल से
अब दे तु मोहब्बत या जहर की प्याली
ना लौटूँगा मैं तेरे दर से यु बेरंग
अब लगा गले से या देजा तू गाली
ना उम्मीद मेरी कभी कमजोर होगी
जहाँ शब ढली है वहीं भोर होगी
मैं तकता रहूँगा तेरी राह तबतक
जबतक लौटने को तू ना मजबूर होगी
गरज जो निकाले नहीं प्यार है वो
सबर जिसमे ना हो ना इकरार है वो
हवस को मिटाने की तरकीब तेरी
इबादत के आगे सब बेकार है वो
मैं मारता रहूँगा तेरी हर अदा पर
रहूँगा मैं मगरूर तेरी हर हया पर
तू लौटेगी एक दिन सभी कुछ भुला कर
है बाकी भरोसा अपने इस भरम पर
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