फिर तुझे पाना है's image
Poetry1 min read

फिर तुझे पाना है

Aman SinhaAman Sinha September 29, 2021
Share0 Bookmarks 17 Reads0 Likes

पाया था तुझको खुदको भुला कर

तुझको हँसाया था खुदको रुला कर

ये आंसू थे मेरे या मेरी कहानी

जो तेरी समझ मे थे बेकार पानी 

 

कहाँ से चला हूँ, है कहाँ मुझको जाना

दिया प्यार के तेरे, दिल मे है जलाना

तु भुला है मुझको, ये है फितरत तेरी 

है तुझे फिर से अपना दीवाना बनाना

 

मिटाया है तूने वफा अपने दिल से

अब दे तु मोहब्बत या जहर की प्याली

ना लौटूँगा मैं तेरे दर से यु बेरंग 

अब लगा गले से या देजा तू गाली


 ना उम्मीद मेरी कभी कमजोर होगी

जहाँ शब ढली है वहीं भोर होगी

मैं तकता रहूँगा तेरी राह तबतक

जबतक लौटने को तू ना मजबूर होगी

 

गरज जो निकाले नहीं प्यार है वो

सबर जिसमे ना हो ना इकरार है वो

हवस को मिटाने की तरकीब तेरी

इबादत के आगे सब बेकार है वो

 

मैं मारता रहूँगा तेरी हर अदा पर

रहूँगा मैं मगरूर तेरी हर हया पर

तू लौटेगी एक दिन सभी कुछ भुला कर

है बाकी भरोसा अपने इस भरम पर

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts