मैं मर रहा हूँ's image
Share0 Bookmarks 238 Reads0 Likes

ना दूःख है ना सुख है ना है कोई कामना

जीवन का सत्य से आज हो रहा है सामना

ना है कोई शिकवा ना है कोई रंजिश

बस सुकूं ही सुकूं है ना है कोई बंदिश

 

सब ये सोचते है ये मुश्किल डगर है

पर मैं ये जानता हूँ ये अंतिम सफर है

जो पहूंचा है यहाँ तक कभी हारा नहीं है 

वापसी का यहाँ से कोई चारा नहीं


बचपन को अपने देखा जो मूडकर

बिसरी सी यादों से देखा है जूड़ कर

मुझे बेचैन करती है वो बचपन यादें

ठंडी के वो दिन और गर्मी की रातें


है सब छोड़े जाना यही पर सभी को

नहीं संग है जाना किसी के किसी को

जो रोते है हमको अपना बता कर

नहा कर के लौटेंगे हमको जलाकर

है मरने का ग़म नहीं मुझको लेकिन

काटेगी कैसे वो ना उम्मीदी के दिन

बच्चो के खातिर है अब उसको जीना

चाहे ग़म से कितना भी फटता हो सीना


ना रोएगी वो भी मुझे ये यकीं है

अब उम्मीद सारी उसी पर टिकी है

वही मर्द घर की जनाना वही है

दुनिया के तानों का निशाना वही है


मुझे ग़म है उसको युं छोड़ने का

आधे सफर में युं मूंह मोड़ने का

मगर क्या करूँ मैं की मुमकिन नहीं है

कि साँसों को चलने की मोहलत नहीं है

रहूँगा नहीं मैं वो सब जानती है

सभी के नज़र को पहचानती है

बहाने बनाती है बच्चों के आगे

कैसे कहेगी वो सब है अभागे

सजना सवराना सब गुम हो गया है

चमकता सा चेहरा अब सुन्न हो गया है

होठों पे लाली ना माथे पर बिंदी 

कोरी सी साड़ी में लगेगी वो गंदी


मुझे माफ करना जो तुमको रुलाया

कभी भूले से तेरा दिल जो दुखाया

कहना ये बच्चों से मैं मारता था उनपे

खुदसे भी ज्यादा प्यार करता था उनसे


अब चलने का मेरे समय आ गया है

लेने मुझको देखो वो दूत आ गया है

है उसको भी मेरी जरा सी जरूरत

नए साँचे मे ढलनी है मेरी भी सूरत


ना रोना कभी तुम ना उन्हे रोने देना

पलकों से आँसू टपकने ना देना 

हंसी मुझको आएगी तेरी उस हंसी से

विदा जब करोगे तुम मुझ्को खुशी से

 

मैं लौटूँगा एक दिन सब ये जान लेना

मुझे देख कर तुम बस पहचान लेना

रहूँगा मैं भी कैसे तुमसे बिछड़ कर

तुम्ही से मिलुंगा मैं फिर से जनम कर

 










No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts