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क्या रंग है आँसू का कैसे कोई बतलाएगा
सुख का है या दु:ख का है ये कोई कैसे समझाएगा
कभी किसी के खो जाने से, कोई कभी मिल जाए तो
कभी कोई जो दूर हो गया, कोई पास कभी आ जाए तो
किस भाव में कितना बहता, कोई ध्यान नहीं रखता
हर हाल में इसका एक ही रंग है, फर्क ना कोई कर सकता
कभी दर्द में बह जाता है, हंसी में भी ये दूर नहीं
हम इस पर काबू कर पाये, ये इतना भी कमजोर नहीं
हरेक काल में एक जैसा है, चाहे धूप या छाया हो
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