हमारी दुनिया's image
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ये घने बादलों से घिरी दुनिया
हर क्षण बदलती दुनिया

दर दर की ठोकरें खाती उम्मीदें
उन उम्मीदों को तोड़ती ये नादान दुनिया

तिखें आंच पे पकें सपनें
उन सपनों के पीछे कुछ अपने
तरबतर इरादों के कमजोर वादें
अपने ही वादों को घायल करती दुनिया

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