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अपनी जुल्फो को सभला कर रखो ।
इन से कत्ल न हो मेरा
ये उलझती बहुत जब देखू हुस्न तेरा ।
चलो माना ।
ये रेशमी जुल्फे हसीन है
महजबीन हैं
लेकिन इन को ये तो हक नहीं ।
जो खेले जज्बात से हमारे ।
जो तेरे रूखशर की तरफ करे रुख हम अपना
जैसे चांद प
इन से कत्ल न हो मेरा
ये उलझती बहुत जब देखू हुस्न तेरा ।
चलो माना ।
ये रेशमी जुल्फे हसीन है
महजबीन हैं
लेकिन इन को ये तो हक नहीं ।
जो खेले जज्बात से हमारे ।
जो तेरे रूखशर की तरफ करे रुख हम अपना
जैसे चांद प
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