इस तरह हम तुम्हारा असर देखते ये हसीं लब ये ज़ुल्फ़ें नज़र देखते's image
Love PoetryPoetry1 min read

इस तरह हम तुम्हारा असर देखते ये हसीं लब ये ज़ुल्फ़ें नज़र देखते

Ankit YadavAnkit Yadav March 25, 2023
Share0 Bookmarks 49436 Reads0 Likes

इस तरह हम तुम्हारा असर देखते ये हसीं लब ये ज़ुल्फ़ें नज़र देखते

शहर से जब तुम्हारे गुज़रते कभी तो तुम्हारी गली ख़ासकर देखते


ऐ सखी बे-तहाशा मोहब्बत तिरी मुझको हर रस्म से मावरा थी मगर

उम्र तन्हा बिताने से अच्छा ये था तुम सफ़र में कोई हम-सफ़र देखते


<

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts