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सूखे फूल की आंखों में
बीते कल की परछाई उभर आई हैं
भंवरों का मंडलाना याद आया है
तितलियों का उड़ना याद आया है
चिड़ियों का चहकना याद आया है
अपना महकना याद आया है
उपवन में साथ खिले
संगी साथी फूल याद आयें है
वो फूल सारे जो खिल खिल कर मुरझा गये
वो शूल सारे जो साथ अंत तक निभा गये।
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