लौटना स्मृतियों में's image
Poetry1 min read

लौटना स्मृतियों में

aktanu899 नीरवaktanu899 नीरव December 4, 2021
Share0 Bookmarks 193332 Reads0 Likes

डूबती हुई सांसों में छुपे हुए कुछ स्वर,

थके हुए मगर

जीवन की गरिमामयी आभा से ओतप्रोत

कभी कुछ मौन से ,कभी कुछ बोलते,

धुंधलाती स्मृतियों से लाते,

ढूंढ़कर कोई बीता हुआ किस्सा ,

भरा हुआ कितने ही भावों से,

दोहराते हुए ,चमकने लगती हैं आंखें ,

कांपने लगती है आवाज,

मन लौट जाता है ,

पार कर समय की सीमाओं को,

जीवंत हो उठते हैं दृश्य सब पुराने ,

जी उठत

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts