फूल से ख़ुशबुओं को चुराकर,
लोग अपना चमन देखते हैं।
दर्द सौग़ात में यार देकर,
मेरी आँखों को नम देखते हैं।
ज़िंदगी में बदलते है मौसम,
हम ख़ुदा का करम देखते हैं।
پھول سے&
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