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मातृभूमि हिन्द की वसुंधरा में जन्म पाये हैं,
अमीर ख़ुसरो की भाषा,हिंदी को अपनाये हैं।
जन - जन की भाषा है, साथ सबको लाती है,
सबके उर में हिंदी अपना स्थान बनाती है।
भाषा हिंदी को सबने ही सदैव स्वीकारा है,
पूर्व-पश्चिम ,उत्तर - दक्षिण में जय-जयकारा है।
संत कबीर,सूर ,रहीम ,तुलसी हो या पद्माकर,
हिंदी के कवि सब है, एक से एक बढ़कर।
हिंदी भाषा की अमर गौरवशाली कहानी है,
काल को जिसने जीता हो , ये ऐसी वाणी है।
जीवन रेखा&n
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