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Romantic PoetryPoetry1 min read

यानी का सबब बनता है

akhlaquean7277@gmail.comakhlaquean7277@gmail.com March 25, 2023
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रोज़ ओ शब की परेशानी का सबब बनता है,

इश्क़ बे मा'नी , मा' नी का सबब बनता है,


कुछ तो लोगों ने भी हमदर्दी न रक्खी मुझ से,

और कम ज्ञान भी हानी का सबब बनता है,


मीर की नज़्म सुनी है तो ये जाना हम ने,

मिस्

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