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हैरान, परेशान
इस दुनिया से अनजान
जब देखता हूँ अपने आस पास्
महसूस करता हूँ एक तुफान।
जो ना पत्ते उड़ाती है
ना पेड़ों को गिराती
बस तीरती है अंतरमन
और भूला देती है पहचान।
हवा देती है अमानवीय भावों को
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