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बहुत से राज़ सीने में गड़े हैं
सो इतनी चुप्पियां ओढ़े खड़े हैं
ये खिड़की बंद हो जाएगी हम तक
बहुत पीछे से लाइन में खड़े हैं
हमारा ज़ब्त टूटा जा रहा है
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बहुत से राज़ सीने में गड़े हैं
सो इतनी चुप्पियां ओढ़े खड़े हैं
ये खिड़की बंद हो जाएगी हम तक
बहुत पीछे से लाइन में खड़े हैं
हमारा ज़ब्त टूटा जा रहा है
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