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देह पर उकेरी कविताएँ

अबोध मनअबोध मन May 4, 2022
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कुछ रक्तिम

कविताओं के

अक्षर उकरे देखे

मैंने उसकी

देह पर,

पवन वेग ने

अपने स्पर्श से

पल भर को

उसके तन से

आँचल को

विचलित कर

दिया था..!

कविताएँ जिन्हें

किसी प्रेमी ने

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