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है तुम्हें भी इश्क़

Abhishek VishwakarmaAbhishek Vishwakarma September 16, 2021
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है तुम्हें भी इश्क़ मैं ये मान लेता हूं


यही सोचकर खुद को संभाल लेता हूं


गैरों से शिकायत नहीं है अब


सब गलती है मेरी, ये मान लेता हूं


.

हर प्रयास निष्फल रहा


क्यों दूर मुझसे तू हर पल रहा


चाहकर तुझे हर ख्वाहिश ख़त्म


तू है सिर्फ़ मेरी, मैं ये ठान लेता हूं


है तुम्हें भी इश्क़, मैं ये मान लेता हूं।।


.

दूरियां बढ़ती रहीं मजबूरियां बढ़ती रहीं


और ये तन्हाइयां, देख मुझे हंसती रहीं


मैं हर वक्त तेरी याद में ही काट लेता हूं


है तुम्हें भी इश्क़, मैं ये मान लेता हूं।।


.

कभी कुछ गुफ्तगू होती, तो शायद बात बन जाती


तुमको जान लेता मैं, मुझको तुम समझ जाती


दूर रहकर भी मैं तुमसे तुम्हारा साथ देता हूं


है तुम्हें भी इश्क़, मैं ये मान लेता हूं।।


.

कभी सुनते जो हाल ए दिल, तो शायद जान लेते तुम


है मोहब्बत क्या ये पहचान लेते तुम


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