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अभी अधूरी ये गज़ल है
तेरी सोहबत से सफ़ल है
माज़ी जैसा भी हो मेरा
मुस्तक़बिल मुकम्मल है
- अभिनव
तेरी सोहबत से सफ़ल है
माज़ी जैसा भी हो मेरा
मुस्तक़बिल मुकम्मल है
- अभिनव
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