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मत पालो उम्मीदें यूँ

Abhay DixitAbhay Dixit December 2, 2021
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मत पालो उम्मीदें उम्मीदों से क्या होता है,
एक घर हो हम सबका यही तो सपना होता है।

न जाने कितने बे -घरों ने भी एक घर उम्मीदें पाली होगी,
क्या उनको कभी बिना घर के 
जाड़े का अहसास नहीं होता है।

मत बाँधो ये आश तुम टूटते हुए तारों से भी,

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