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कहा गए वो अच्छे दिन

Abasaheb MhaskeAbasaheb Mhaske April 11, 2022
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क्या हुवा तुम्हारा वादा ? क्या नेक था तुम्हारा इरादा ? 

बस एक सपना था या केवल एक चुनावी जुमला ?

कहते हैं सत्य के सेकड़ो हात- पैर होते हैं शायद 

सत्य चप्पल पहने तब तक असत्य दुनिया घूम आता 


कहा गए वो अच्छे दिन ? क्या कला धन आया ? 

या कला धन सफ़ेद हो कर परलोक सिधारा कब का 

मुंगेरीलाली सपने दिखाये हरवक्त लोगो को गुमराह किया 

मुठ्ठीभर चावल ,गेहूं देकर चंद शिक्को से अपाहिज बनाया 


फील गुड़ , शायनिंग इण्डिया स्किल इण्डिया फलाना फलाना 

केक के फ़िक्र में रोटी भी चली गई चाहते थे बड़ी को छोटी भी चली गई 

नौकरी की बात कर रहे हैं भाई रोजगार की शादी पढाई लिखाई दूर की बात 

इतिहास गवाह हैं सत्य परेशांन हो सकता हैं मगर परिजित नहीं 


महंगाई बेरोजगारी चरमसीमा पर हैं और उपरसे कोरोना महामारी 

हम लड़ाई झगड़े में व्यस्त जात धरम प्रदेश पार्टियों में बटे हुए हैं 

हमें रोजगार चिह

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